सीखना बंद तो जीतना बंद……

‘कौन बनेगा करोरपति’ के हर परमोशन में अमिताभ बच्चन जी एक कमाल का वाक्य  बोलते हैं कि ‘सीखना बंद तो जीतना बंद’ कितने  सरल तरीके से सबसे बड़े सवाल का जवाब दे दिया अमिताभ बच्चन जी ने. हर युग में, दुनिया के हर कोने में, हर इन्सान ये ही जानना चाहता है कि वो कैसे जीत सकता है? कैसे कामयाब हो सकता है? जी हाँ! ये ही जवाब है, ये ही सच्चाई है जब हम सीखना बंद कर देते है तो अपनी कामयाबी से दूर होने लगते है……
जीत या कामयाबी  एक नशा है, एक आदत है, एक जूनून है. जब तक यह नशा रहता है हम अपनी जीत के लिय, कामयाबी के लिय सब कुछ करना चाहते हैं. इस के लिय सब कुछ जानना, सीखना चाहते है, सब कुछ. और जैसे-जैसे यह नशा उतरने लगता है, जीतने का जूनून कम होने लगता है हम सीखना बंद कर देते है और हमारी  ग्रोथ वहीँ के वहीँ रुक जाती है……
इस दुनिया में हम बहुत कामयाब और खुशहाल लोगो को देखते है और सोचते है कि काश! हम भी उनकी तरह होते हमारी किस्मत भी ऊपर वाले ने उन लोगो की जैसी बनाई होती. और अपनी नाकामयाबी के लिय खुदा से लेकर हर किसी को दोष दे रहे होते हैं….लेकिम जब हम बदकिस्मती का रोना रो रहे होते है तो हम यह भूल जाते है कि उसमे हमारे परिश्रम और काबलियत के अभाव का कितना हिस्सा है?……
मगर इतनी सी बात को समझना नहीं चाहते कि अपने-अपने क्षेत्र में जो जितना ट्रेंड है वो उतना ही कामयाब है. सबसे ट्रेंड सबसे कामयाब यानि सबसे अव्वल, कम ट्रेंड कम कामयाब और सबसे कम ट्रेंड सबसे कम सफल यानि सबसे पीछे……
आप आज जो कुछ भी है, लो कुछ आप कर सकते है उसकी आपको जाने अनजाने ट्रेनिंग मिली है  जैसे-जो भाषा आप बोलते है उस भाषा को आपको सिखाया गया है, आप को चलना, खाना खाना, उठाना-बैठना, बात करना सबकुछ की आपको ट्रेनिंग मिली है, सोचिये अगर आपके पैरेंट्स ने आपको बिना कुछ सिखाये ऐसे ही छोड़ दिया होता तो आज आप की हालत क्या हो सकती थी. बचपन से लेकर आज तक आपको जैसी ट्रेनिंग मिली आप वैसे ही बन गए. अच्छी ट्रेनिंग अच्छे इन्सान, बहुत अच्छी ट्रेनिंग बहुत अच्छे इन्सान….
दोस्तों कामयाब(अमीर) लोग लगातार सीखते है खुद को विकसित करते हैं नाकामयाब (गरीब) लोग सोचते हैं उन्हें सब कुछ आता है….इस दुनिया का सबसे ख़राब वाक्य “ मैं सब कुछ जनता हूँ.”  “I KNOW EVERY THING” है. 3 इडियट फिल्म में आमिर खान कहते है ‘काबिल बनो कामयाबी झक मारकर पीछे-पीछे आ जायगी’. कामयाब लोग सेमिनार में जाते है, लेक्चर सुनते है, वर्कशॉप अटेंड करते है, वो सीखने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते. अपने बिजनेस या फील्ड के अपडेट्स बराबर लेते रहते है. इसीलीय अमीर लोग ज्यादा धन कमाते है क्योंकि वो ज्यादा ट्रेंड होते है.
दोस्तों आपकी आय उसी हद तक बढ़ सकती है जिस हद तक आप बढ़ सकते हैं यानि आप जितना ज्यादा सीखेंगे उतना ज्यादा कामयाब होंगे. सचिन तेन्दुलकर को क्रिकेट का भगवान इसलिय कहा जाता है क्योंकि वो हर तरह की बौल को चार तरह से खेल सकते है. “कामयाब लोग धनवान बनने के लिय समर्पित होते है जबकि गरीब यानि नाकामयाब लोग धनवान बनना चाहते है’.
जिस तरह एक पौधा अगर बढ़ नहीं रहा होता है तो वो मर रहा होता है उसी तरह अगर आप बढ़ नहीं रहे हैं तो आप मर रहे हैं, अगर आप जीत नहीं रहे हैं तो आप हार रहे हैं
यानि आपकी सफलता आपसे दूर जा रही है… मतलब सीखना बंद तो जीतना बंद.

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आभासी दुनिया से बाहर निकलना

ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

बोनस टिप:

हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें:

पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.