जो डर गया समझो वो मर गया



Life मे यदि हम किसी चीज या काम को करने मे असफल होते है तो उसकी वजह केवल एक छोटा सा शब्द डर (FEAR) है | यह शब्द डर दिखने मे तो बहुत छोटा है लेकिन जिसके मन मे यह डर बैठ गया समझो वह इंसान मर गया |

दोस्तो डर (Fear) एक ऐसी चीज है जो लगभग सभी के मन मे होता है | हर किसी मे अलग अलग प्रकार का डर होता है, जैसे किसी को परिक्षा मे फेल होने का डर, तो किसी को नौकरी चली जाने का डर होता है| यह डर (Fear) आम आदमी को अंदर से हिला कर रख देता है| एक असफलता (Failure) के भय से एक साधारण आदमी हमेशा साधारण ही बना रहता है, क्योंकि वह डरता है कि कही वह असफल (Fail)  ना हो जाये | केवल डर कि वजह से आदमी कुछ नया नही कर पाता और ना ही अपनी क्षमताओ (Capabilities) को पहचान पाता है, लेकिन जो इंसान एक बार इस डर के जंजाल से निकल जाता है, तो फिर पुरी दुनिया उसके कदमो तले होती है |

क्या आपने कभी सोचा है इंसान के मन मे डर आता क्यों है?

डर का एकमात्र कारण केवल आदमी के अंदर छिपी हुई अज्ञानता है | जब हम कुछ नया करना चाहते है और अगर हमे उस काम या चीज से सम्बंधित परिस्थितियो के बारे मे जानकारी नही है तो हम डॅरने लग जाते है कि कही कुछ गलत ना हो जाये | इस स्थिति मे हम उस काम को करने की बजाय उससे दूर भागने लग जाते है| जिससे उस काम के प्रति हमारा डर और भी भयानक हो जाता है | उस डर पर काबु पाने का सबसे आसान तरीका है कि जिस चीज या परिस्थिति से आप डर रहे है उसके बारे मे सही तथा अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर ले | जिस काम से आपको डर लगता है आप उसी काम को ज्यादा से ज्यादा करे तथा उस काम के साथ दोस्ती कर ले | फिर आपको लगेगा कि जिस काम या चीज से आप डर रहे थे वह तो एक दम साधारण है |

आपको जब भी किसी चीज या स्थिति से डर लगे, तो कम से कम एक बार खुद को आजमाकर देखे कि क्या मै इस डर पर जीत हासिल करके यह चीज प्राप्त कर सकता हूँ? इससे आपका कुछ भी नही बिगडेगा और केवल आत्मविश्वास ही बढेगा | अगर आपने इस डर के आगे घुटने टेक दिए, तब यह डर एक असलियत बन जायेगा और आप उस काम या चीज को अपने जीवन मे कभी भी प्राप्त नही कर सकोगे | जीवन मे कभी भी सफल नही हो सकोगे |

अगर जीवन मे हर कदम पर सफल होना है तो डर नाम की चीज को अपने अंदर से बाहर निकाल दो तथा केवल सकारात्मक सोच रखे नकारात्मक कभी ना सोचे |

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आभासी दुनिया से बाहर निकलना

ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

बोनस टिप:

हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें:

पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.