आप कीमती हो

एक बार एक बहुत ही प्रसिद्द वक्ता एक सेमिनार में आये और अपने जेब में से 1000 रुपये का नोट निकला और सामने बैठे 200 लोगों से पूछा की ये 1000 का नोट कौन कौन चाहता हैं | करीब करीब सभी के हाथ ऊपर उठ गए | फिर उन्होंने कहा की मैं अंत में ये 1000 का नोट किसी को दूंगा पर लेकिन उससे पहले मुझे ये करने दीजिये और फिर वक्ता ने 1000 के नोट को बहुत मोड़ दिया और फिर पूछा “कौन कौन अभी भी इसे चाहता है....?”

अभी भी हवा में हाथ उठे हुए थे| 


उन्होंने कहा, “ठीक है, क्या होगा अगर?” और फिर उस नोट को जमीन पर पटककर उसे अपने जूतों से मसला. “अब कौन कौन इस नोट को चाहता है?”
अभी भी हवा में हाथ उठे हुए थे |

फिर वक्ता ने कहना प्रारंभ किया, ” मैंने इस नोट को कुछ भी किया हो पर आप इस नोट को तब भी चाहते थे क्योंकि इसकी value नहीं गिरी थी| इसका मूल्य अभी भी 1000 रुपये ही हैं |

इसी तरह हम जिंदगी में कई बार ठोकरे खाते है,गलती करते है, गिरते है, कई बार हमारी खुद की वजह से तो कई बार परिस्तिथियों की वजह से| 

कुछ लोग जैसे हमारे अपने परिवार वाले, दोस्त,या ऑफिस मै हमारे सीनियर्स कहते है कि आप तो किसी काम के नहीं हो । आप तो धरती पर बोझ हो और न जाने क्या क्या । और हम सोचने लगते है कि  हम वास्तव में किसी काम के नही है |  पर चाहे कुछ भी हुआ हो. या कुछ भी हो जाए, चाहे गंदे हो या साफ़ हो, बिखरे हुए हो, या सहज हो, आपकी value कभी नहीं गिरेगी | कुछ कमियाँ आप को फ़ैल नहीं कर सकती । आप परफेक्ट हो और रहोगे , 1000 रुपए के नोट की तरह ।



आप नोट की तरह अकेले ही समाज रूपी दूकान में चलते हो | और दोस्तों यह आप अच्छी तरह से जानते है की नोट कैसा भी हो , चाहे पुराना , चाहे नया , चाहे मुड़ा हुआ या बिलकुल नया सब चलते है । ठीक इसी प्रकार दोस्तों चाहे हर व्यक्ति इस दुनिया में सफल होता है चाहे वो कैसा भी हो । बस लगन और कौशिश करने की जरुरत है । इसलिए दुखी मत होइए गलती सभी से होती है और आगे बढ़ कर बेहतर बनिए | 



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आभासी दुनिया से बाहर निकलना

ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

बोनस टिप:

हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें:

पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.