बहाने Vs सफलता

1- मुझे उचित शिक्षा लेने का अवसर नही मिला...
उचित शिक्षा का अवसर फोर्ड मोटर्स के मालिक हेनरी फोर्ड को भी नही मिला ।
2- बचपन मे ही मेरे पिता का देहाँत हो गया था...
प्रख्यात संगीतकार ए . आर . रहमान के पिता का भी देहांत बचपन मे हो गया था।
3- मै अत्यंत गरीब घर से हूँ ...
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर से थे ।
4- बचपन से ही अस्वस्थ था...
आँस्कर विजेता अभिनेत्री मरली मेटलिन भी बचपन से बहरी व अस्वस्थ थी ।
5 - मैने साइकिल पर घूमकर आधी ज़िंदगी गुजारी है...
निरमा के करसन भाई पटेल ने भी साइकिल पर निरमा बेचकर आधी ज़िंदगी गुजारी ।
6- एक दुर्घटना मे अपाहिज होने के बाद मेरी हिम्मत चली गयी...
प्रख्यात नृत्यांगना सुधा चन्द्रन के पैर नकली है ।
7- मुझे बचपन से मंद बुद्धि कहा जाता है...
थामस अल्वा एडीसन को भी बचपन से मंदबुद्धि कहा जाता था।
8- मै इतनी बार हार चूका , अब हिम्मत नही...
अब्राहम लिंकन 15 बार चुनाव हारने के बाद राष्ट्रपति बने।
9- मुझे बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी...
लता मंगेशकर को भी बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी थी।
10- मेरी लंबाई बहुत कम है...
सचिन तेंदुलकर की भी लंबाई कम है।
11- मै एक छोटी सी नौकरी करता हूँ , इससे क्या होगा...
धीरु अंबानी भी छोटी नौकरी करते थे।
12- मेरी कम्पनी एक बार दिवालिया हो चुकी है , अब मुझ पर कौन भरोसा करेगा...
दुनिया की सबसे बङी शीतल पेय निर्माता पेप्सी कोला भी दो बार दिवालिया हो चुकी है ।
13- मेरा दो बार नर्वस ब्रेकडाउन हो चुका है , अब क्या कर पाउँगा...
डिज्नीलैंड बनाने के पहले वाल्ट डिज्नी का तीन बार नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था।
14- मेरी उम्र बहुत ज्यादा है...
विश्व प्रसिद्ध केंटुकी फ्राइड चिकेन के मालिक ने 60 साल की उम्र मे पहला रेस्तरा खोला था।
15- मेरे पास बहुमूल्य आइडिया है पर लोग अस्वीकार कर देते है...
जेराँक्स फोटो कापी मशीन के आईडिया को भी ढेरो कंपनियो ने अस्वीकार किया था पर आज परिणाम सामने है ।
16- मेरे पास धन नही...
इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायणमूर्ति के पास भी धन नही था उन्हे अपनी पत्नी के गहने बेचने पङे।
17- मुझे ढेरो बीमारियां है...
वर्जिन एयरलाइंस के प्रमुख भी अनेको बीमारियो मे थे | राष्ट्रपति रुजवेल्ट के दोनो पैर काम नही करते थे।
कुछ लोग कहेगे कि यह जरुरी नही कि जो प्रतिभा इन महानायको मे थी , वह हम मे भी हो ...
सहमत हूँ मै , लेकिन यह भी जरुरी नही कि जो प्रतिभा आपके अंदर है वह इन महानायको मे भी हो.

सार यह है कि...
आज आप जहाँ भी है या कल जहाँ भी होगे इसके लिए आप किसी और को जिम्मेदार नही ठहरा सकते ,
इसलिए आज चुनाव करिये - सफलता और सपने चाहिए या खोखले बहाने ...?

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आभासी दुनिया से बाहर निकलना

ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

बोनस टिप:

हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें:

पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.