दोस्तों जीवन में कई बार लोग जो काम करना चाहते हैं, अगर वो नहीं हो पाता तो अमूमन आपने लोगो से ये शब्द कहते सुना होगा।
“मेरा तो भाग्य ही ख़राब हैं”
“भाग्य में ही रोना लिखा हैं भाई!”
“भाग्य में ही रोना लिखा हैं भाई!”
ऐसे ही कुछ और वाक्य होंगे, जो अक्सर सुनने में आते हैं। हम परिस्थितियों को कोसने और दुःख मनाने में इतने तल्लीन हो जाते हैं कि उस पल मिली अच्छी यादों और खुशियों के बारे में सोचना भी भूल जाते हैं।
नीचे मैं एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ, उसके बाद आपका दुर्घटनाओ के प्रति थोडा नजरिया बदलेगा और आप भाग्य को कोसना छोड़ देंगे।
रवि को Monday को morning में एक week के लिए tour पर जाना था। उसने अपनी सारी तैयारियां (Tickets/ Bag/ जरुरी documents) पहले से ही कर रखीं थी, ताकि आखिरी समय पर भागदौड़ से बचा जा सके। इसलिए उसने रविवार रात को ही अगले दिन सुबह airport जाने के लिए अपने शहर में उपलब्ध taxi सेवा से सोमवार सुबह सात बजे की taxi book करवाई और सुबह जल्दी उठ कर टैक्सी की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली।
अब देखो उसको भाग्य कैसे उसका साथ देता हैं frown emoticonऔर कहानी में कैसे twist आता हैं।
सुबह सात बजे ही taxi के call center से फ़ोन आता हैं कि वे taxi उपलब्ध नहीं करवा सकते और अब शुरू हो गई भागा-दौड़ी। क्योकि airport पर तो reporting समय पर पहुंचना जरुरी था, नहीं तो flight छुटने का डर था। खैर घर से two wheeler निकाल कर उस पर सूटकेस और लैपटॉप bag लाद कर और पीछे धर्मपत्नी को बैठा, भागा auto-rickshaw stand की ओर, और auto पकड़ कर airport की और रवाना हुआ। पर ज़नाब अभी यह उधेड़बुन खत्म कहाँ हुई। airport से कुछ दूर पहले traffic जाम था। Auto छोड़ रवि ने सामान लाद कर पैदल ही दौड़ लगाई और आखिरकार flight पकड़ ही ली।
यहाँ भी कहानी ख़त्म नहीं हुई smile emoticon flight अपने निश्चित समय पर Jaipur पहुच गई और। वहां से रवि को Agra तक train से जाना था। अत: Jaipur airport से रेलवे स्टेशन के लिए taxi कर ली, जो की बेहद आराम से निश्चित समय पर रेलवे स्टेशन पर पहुच ही जाती, परन्तु बीच में शायद किसी मंत्री का काफिला आ गया। और चारो और से traffic रोक दिया गया। Train छुटने का भय और रास्ते में पड़ते traffic signals ने रवि की दिल की धडकनों को बढ़ा दिया, क्योकि train छुटने का सीधा-सीधा मतलब था कि पुरे week की planning का बिगड़ना।
खैर, सारी मुसीबतों से लड़ते-भिड़ते train मिल गई, क्योकि वह दस मिनट की देरी से चल रही थी ट्रेन में सामान रखते हुए माथे का पसीना पोछतें हुए और लम्बी-लम्बी सी सांस खीच कर रवि ने कहा - thanks God !! I am lucky!
चौंक गए न। क्यों कि रवि को तो इस समय कहना चाहिए था कि मेरा को भाग्य ही ख़राब हैं परन्तु रवि का उन घटनायो को देखने का नजरिया सकारात्मक था, क्योकि इतनी विषम परिस्थतियो के होते हुए भी यदि आप सफलता प्राप्त कर लेते हैं, तो आपका भाग्य ख़राब नहीं हैं आप तो बेहद भाग्यवान हैं। विपरीत परिस्थतियों से लड़ते हुए लगातार आगे बढ़ते रहने वाला खुद को भाग्यवान मानता हैं। और थक कर बैठ जाने वाला खुद को दुर्भाग्यशाली।
आपके जीवन में आई कोई भी छोटी-छोटी चुनौती ईश्वर द्वारा की गई केवल परीक्षा मात्र हैं, जिसमे सफलता प्राप्त करने वाला कहलाता हैं भाग्यवान।
अपने भविष्य और भाग्य के निर्माता स्वयं आप हैं अत: नकारात्मक सोच को स्वयं से दूर रखकर हर विपरीत परिस्थिति में भी कुछ न कुछ सकारात्मक खोजें और कहें “मैं भाग्यवान हूँ”।
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