"मनुष्य को बोलना सिखने में दो साल लगते है । किन्तु यह समझने में जीवन बीत जाता है कि कब क्या बोलना चाहिए ।"- एक प्राचीन भारतीय कहावत
दोस्तों चाहे मानो या ना मानो किन्तु हम बहुत अधिक बोलते है । कभी कभी हम अपने मित्रो और परिवार के सदस्यों से यु ही बिना किसी ख़ास बात न होने पर भी घंटो बाते करते रहते है । हमारी यह आदत फ़ोन पर भी है । अक्सर आप ने खुद को या आसपास के लोगो को फ़ोन पर बिना किसी बात के बहुत लम्बी -२ बाते करते देखा होगा ।
लेकिन ये बाते अपने कुछ जानकारों से ही करते है । यदि आपके पास काफी समय के बाद किसी परिचित का फ़ोन आ जाता है तो आप्प सबसे पहले यही पूछते हो की" क्या हुआ ,फ़ोन कैसे किया ?" यदि आप किसी को काफी समय के बाद फ़ोन करते हो तो उसकी भी यही प्रतिक्रिया होती है " क्या काम है ? फ़ोन कैसे किया ?"
इसका अर्थ यह है कि अक्सर हम उन्ही लोगो को फ़ोन करते है जो हमारे लिए अपना समय बर्बाद करने को तैयार है या जिन्हें हम अपना समय दे सकते है या उनको करते है जिनसे हमको कोई ख़ास काम होता है ।
लेकिन दोस्तों इससे अलग एक दूसरे प्रकार की कॉल होती है जिसे किट(कीप इन टच ) कॉल कहते है । आपकी डायरेक्टरी ,डायरी या आपके कार्ड इंडेक्स में ऐसे बहुत से नम्बर होंगे जिनको आपने महीनो और कइयों को तो सालो से टच नही किया । आपको इन लोगो से दोबारा संपर्क बनाने की आवश्यकता है ।
चाहे आप इन भूले बिसरे लोगो से बस इतना ही कहे " आप कैसे है ? सब कुछ टेक है न? " यदि वो आपसे पूछते है "कैसे याद किया" तो आप को कहना चाहिए की बस ऐसे ही आपसे बात करने की इच्छा हो रही थी ।विश्वास मानिए दोस्तों वह व्यक्ति खुश हो जायेगा क्योकि आपने बिना किसी से या किसी काम को कराने के लिए फ़ोन नहीं किया ।
आजकल कॉल्स के साथ साथ , SMS , व्हाट्सप्प(Whatsapp) और कई सोशल नेटवर्किंग साइट्स है जिसके through हम अपने जानने वालो से टच रह सकते है । तो दोस्तों अपने नेटवर्क को स्ट्रांग करे । आपका आज बिना किसी स्वार्थ के टच रहना समय आने पर आपके बहुत काम आएगा । और दूसरा कई चीजे स्वार्थ से ऊपर होती है । अपने जान पहचान के लोगो से टच रहना कोई बुरी बात नही ।
दोस्तों चाहे मानो या ना मानो किन्तु हम बहुत अधिक बोलते है । कभी कभी हम अपने मित्रो और परिवार के सदस्यों से यु ही बिना किसी ख़ास बात न होने पर भी घंटो बाते करते रहते है । हमारी यह आदत फ़ोन पर भी है । अक्सर आप ने खुद को या आसपास के लोगो को फ़ोन पर बिना किसी बात के बहुत लम्बी -२ बाते करते देखा होगा ।
लेकिन ये बाते अपने कुछ जानकारों से ही करते है । यदि आपके पास काफी समय के बाद किसी परिचित का फ़ोन आ जाता है तो आप्प सबसे पहले यही पूछते हो की" क्या हुआ ,फ़ोन कैसे किया ?" यदि आप किसी को काफी समय के बाद फ़ोन करते हो तो उसकी भी यही प्रतिक्रिया होती है " क्या काम है ? फ़ोन कैसे किया ?"
इसका अर्थ यह है कि अक्सर हम उन्ही लोगो को फ़ोन करते है जो हमारे लिए अपना समय बर्बाद करने को तैयार है या जिन्हें हम अपना समय दे सकते है या उनको करते है जिनसे हमको कोई ख़ास काम होता है ।
लेकिन दोस्तों इससे अलग एक दूसरे प्रकार की कॉल होती है जिसे किट(कीप इन टच ) कॉल कहते है । आपकी डायरेक्टरी ,डायरी या आपके कार्ड इंडेक्स में ऐसे बहुत से नम्बर होंगे जिनको आपने महीनो और कइयों को तो सालो से टच नही किया । आपको इन लोगो से दोबारा संपर्क बनाने की आवश्यकता है ।
चाहे आप इन भूले बिसरे लोगो से बस इतना ही कहे " आप कैसे है ? सब कुछ टेक है न? " यदि वो आपसे पूछते है "कैसे याद किया" तो आप को कहना चाहिए की बस ऐसे ही आपसे बात करने की इच्छा हो रही थी ।विश्वास मानिए दोस्तों वह व्यक्ति खुश हो जायेगा क्योकि आपने बिना किसी से या किसी काम को कराने के लिए फ़ोन नहीं किया ।
आजकल कॉल्स के साथ साथ , SMS , व्हाट्सप्प(Whatsapp) और कई सोशल नेटवर्किंग साइट्स है जिसके through हम अपने जानने वालो से टच रह सकते है । तो दोस्तों अपने नेटवर्क को स्ट्रांग करे । आपका आज बिना किसी स्वार्थ के टच रहना समय आने पर आपके बहुत काम आएगा । और दूसरा कई चीजे स्वार्थ से ऊपर होती है । अपने जान पहचान के लोगो से टच रहना कोई बुरी बात नही ।
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