आत्म-मूल्यांकन से मिलती हैं सफलता :

दोस्तों, जीवन में आगे बढ़ने के लिए आत्म-मूल्यांकन बहुत जरुरी हैं।
सफलता चुटकियो में नहीं मिलती और न ही परंपरागत रूप से एक ही तरह का काम करने से।
योजना बनाकर उस पर अमल करना भी मायने रखता हैं।
कोई भी काम ख़राब या छोटा नहीं होता और सभी तरह के काम में समान तरह के अवसर मौजूद होते हैं।लेकिन कोई उस काम में काफी पैसा बना लेता हैं और कोई उससे पैसा कमाने के बजाय सब कुछ गवां देता हैं।क्या कभी आपने सोचा हैं ऐसा क्यों होता हैं? ये तो आप सब ने सुना होगा दोस्तों से “अरे यार इस काम में ज्यादा पैसा नहीं हैं और मेहनत भी ज्यादा हैं, जबकि उसी काम में कोई अच्छा पैसा बना रहा हैं इसका मतलब यह हैं कि काम तो वह ख़राब नहीं हैं।”
तो फिर क्यों इतना फर्क हैं, कुछ लोग बोलते हैं अरे यार “वो किस्मत वाला हैं या फिर उसकी किस्मत अच्छी हैं अपने तो भाग्य में तो रोना ही लिखा हैं।”
दोस्तों, ऐसा कुछ भी नहीं हैं आप अपना आत्म-मूल्यांकन कीजिये शायद जबाब आपको खुद-ब-खुद मिल जाए अब आपका सवाल कैसे करू मूल्यांकन? मैं help करता हूँ।
खुद से ये सवाल कीजिये और जबाब पूछिए।

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आभासी दुनिया से बाहर निकलना

ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

बोनस टिप:

हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें:

पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.