SWOT ANALYSIS


दोस्तों,  आज मैं आपके साथ एक ऐसी आत्मविश्लेषण करने की तकनीक  swot analysis technique साझा करने जा रहा हुं , जिसके जरिये हम खुद का एक विश्लेषणात्मक मुल्यांकन कर सकते है । 

आइए जानते है क्या है यह तकनीक?  

इस तकनीक का नाम है SWOT Analysis. इसकी सहायता से हम अपनी खुबियों,  कमजोरियों,  अवसरों और चुनौतियों के बारे में जान सकते है । इसमें हमें अपने आप से कुछ सवाल पुछकर उनके उत्तर देना है । सामान्य तौर पर यह पाया गया है कि जितनी आसानी से हम दुसरों की कमियों और खुबियों का मुल्यांकन कर सकते उतनी आसानी से स्वयं का मुल्यांकन नहीं कर पाते है । परन्तु ये बात भी सच है कि जितनी सटीकता और वास्तविकता से हम अपना मुल्यांकन कर सकते है ऐसा ओर कोई दुसरा व्यक्ति नहीं कर सकता है । हमारी खुबियां  और कमियां हम से बेहतर और कौन जान सकता है ? 

तकनीक का इस्तेमाल कैसे करें ? 

सबसे पहले एक पेन और कागज साथ में लें और किसी एकान्त और शांत जगह पर चले जाएं । यह शांत जगह आपका कमरा,  छत,  कुछ भी हो सकती है । अब कागज को चार बराबर हिस्सों में बांट लें और उसके चार भागों में अंग्रजी के अक्षर S (Strengths) , W (Weaknesses) , O  (Opportunities) और T  (Threats)  लिखें । इसमें से पहले और तीसरे हिस्से वाली चीजें आपके लिए Helpful यानि कि उपयोगी है तथा दुसरे और चौथे हिस्से वाली चीजें Harmful है यानि कि नुकसानदायी ।

अब एक एक करके नीचे दिए गए इन प्रश्नों के उत्तर संबंधित भाग में लिखते जाएं । याद रखें इन सवालों के उत्तर आपको पुरी निष्पक्षता और ईमानदारी से देने है । जवाब लिखने में किसी तरह की जल्दबाजी न करें ।

















अब लिखे गए आपके इन जवाबों को दो - तीन बार तसल्ली से पढें । S हिस्से में जितने जवाब है वह सब आपके लक्ष्य को हासिल करने में आपके सहायक तत्व है । W वाले हिस्से में लिखे हुए जवाब आपकी सफलता और अच्छे काम में  बाधक तत्व हैं । अब ये आपके ऊपर है कि आप अपनी इन कमजोरियों से कैसे निपटते है ?  O हिस्से में लिखे हुए जवाब आपके लिए सफलता के द्वार है । ये द्वार कभी- कभी ही खुलते है । इसलिए आपके सामने लिखे हुए  O हिस्से के जवाबों को अच्छे से पढें । और  इनका फायदा उठायें । अब T हिस्से के जवाबों को पढें । ये सभी आपकी सफलता की राह के कांटें हैं जिनसे आपको बचना है ।

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आभासी दुनिया से बाहर निकलना

ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

बोनस टिप:

हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें:

पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.