भगवान बुध्द के दर्शन करने तथा उनके प्रवचन सुनने वालों का तांता बँधा रहता. एक भक्त ने पूछा सच्चा सुख क्या है| तथागत ने उत्तर दिया, संदेह नहीं कि मानव के जीवन मे उतार चढ़ाव आते रहते हैं, कभी सुख तो कभी दुख कभी जीवन में आदर सत्कार मिलता है तो कभी अपमान भी झेलना पड़ता है|| जो वयक्ति विपरीत स्थितियों में भी मन का संतुलन बनाए रखता है, वह सदैव सुखी रहता है भगवान ने आगे समझाते हुए कहा कि हर अवस्था में अपने मन का संतुलन बनाए रखना घोर कष्टों में भी मुस्कराने की आदत बनाए रखना ही सुख की कुंजी है अपने को संयत रखने वाला दुख में भी सुख का अनुभव करता है|
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