((((( भगवान की प्लानिंग )))))

एक बार भगवान से उनका सेवक कहता है, भगवान आप एक जगह खड़े-खड़े थक गये होंगे..एक दिन के लिए मैं आपकी जगह मूर्ति बन कर खड़ा हो जाता हूं, आप मेरा रूप धारण कर घूम आओ..भगवान मान जाते हैं, लेकिन शर्त रखते हैं कि जो भी लोग प्रार्थना करने आयें, तुम बस उनकी प्रार्थना सुन लेना. कुछ बोलना नहीं..मैंने उन सभी के लिए प्लानिंग कर रखी है. सेवक मान जाता है..सबसे पहले मंदिर में बिजनेस मैन आता है और कहता है, भगवान मैंने एक नयी फैक्ट्री डाली है, उसे खूब सफल करना..वह माथा टेकता है, तो उसका पर्स नीचे गिर जाता है. वह बिना पर्स लिये ही चला जाता है..सेवक बेचैन हो जाता है. वह सोचता है कि रोक कर उसे बताये कि पर्स गिर गया, लेकिन शर्त की वजह से वह नहीं कह पाता..इसके बाद...

हुनर होता है हर किसी में

आज के समय में सामने आ रही संभावनाओं को पहचानने और अवसर का लाभ उठाने के लिए सबसे जरूरी अपने हुनर को पहचानना है। खुद को कमतर समझने की बजाय अपने हुनर को जानकर उसे तराशें, तभी आप बदलते वक्त के साथ आगे बढ़ सकेंगे। कैसे बढ़ें इस राह पर, बता रहे हैं इस आलेख में- काउंसलिंग की प्रक्रिया के दौरान अक्सर इस तरह के पत्र और ई-मेल आते हैं, जिनका आशय होता है कि मैंने इस संकाय में व्यवसायिक कोर्स किया है, लेकिन अनुभव न होने के कारण कोई काम या नौकरी नहीं मिल रही या पिफर मैं परीक्षा में नंबर तो ज्यादा लाना चाहता हूं, पर पढ़ाई के लिए ज्यादा समय नहीं दे पाता या मन ही नहीं लगता। यह भी कि कोर्स पूरा किए एक साल हो गया, लेकिन अभी तक कोई नौकरी नहीं मिली..। अगर ऐसे...

सफलता आपका जन्मसिद्ध अधिकार

यह संसार हार और जीत का खेल अर्थात् नाटक है और इस नाटक मेँ अगर हार जाने की सम्भावना हो तो, जीतने के लिए आपको अपने फैसले बदलते रहना चाहिए लेकिन जीतना Confirm हो तो कभी हार नहीँ मानना चाहिए। Note-सफलता आपका जन्मसिद्ध अधिकार ह...

सच्चा सुख क्या है

भगवान बुध्द के दर्शन करने तथा उनके प्रवचन सुनने वालों का तांता बँधा रहता. एक भक्त ने पूछा सच्चा सुख क्या है| तथागत ने उत्तर दिया, संदेह नहीं कि मानव के जीवन मे उतार चढ़ाव आते रहते हैं, कभी सुख तो कभी दुख कभी जीवन में आदर सत्कार मिलता है तो कभी अपमान भी झेलना पड़ता है|| जो वयक्ति विपरीत स्थितियों में भी मन का संतुलन बनाए रखता है, वह सदैव सुखी रहता है भगवान ने आगे समझाते हुए कहा कि हर अवस्था में अपने मन का संतुलन बनाए रखना घोर कष्टों में भी मुस्कराने की आदत बनाए रखना ही सुख की कुंजी है अपने को संयत रखने वाला दुख में भी सुख का अनुभव करता है...

Quotes2

जो आपके सामने किसी की बुराई कर सकता है तोयाद रखिएकिसी और के सामने वो आपकी भी बुराई जरुर करेगाइसलिए किसी की बुराई ना सुने ना सुना...

Motivational Quotes

अगर कोई मनुष्य जीवन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आत्महत्या कर भी लेता है तो अगले जन्म मेँ वह परिस्थिति उसके सामने फिर से आती है , क्योकि जीत पाने के लिए बुराई का सामना करना परम आवश्यक ह...

पाप का फल

एक राजा ब्राह्मणों को लंगर में भोजन करा रहा था। तब पंक्ति के अंत मैं बैठे एक ब्राम्हण को भोजन परोसते समय एक चील अपने पंजे में एक मुर्दा साँप लेकर राजा के उपर से गुजरी। और उस मुर्दा साँप के मुख से कुछ बुंदे जहर की खाने में गिर गई। किसी को कुछ पत्ता नहीं चला। फल स्वरूप वह ब्राह्मण जहरीला खाना खाते हीं मर गया। अब जब राजा को सच का पता चला तो ब्रम्ह हत्या होने से उसे बहुत दुख हुआ। मित्रों ऐसे में अब ऊपर बैठे यमराज के लिए भी यह फैसला लेना मुश्किल हो गया कि इस पाप-कर्म का फल किसके खाते में जायेगा ??? राजा... जिसको पता ही नहीं था कि खानाजहरीला...

Value of Team work

शेरा नाम का शेर जंगल के सबसे कुशल और क्रूर शिकारियों में गिना जाता था . अपने दल के साथ उसने न जाने कितने भैंसों , हिरणो और अन्य जानवरों का शिकार किया था . धीरे -धीरे उसे अपनी काबिलियत का घमंड होने लगा . एक दिन उसने अपने साथियों से कहा …” आज से जो भी शिकार होगा , उसे सबसे पहले मैं खाऊंगा …उसके बाद ही तुममे से कोई उसे हाथ लगाएगा .” शेरा के मुंह से ऐसी बातें सुन सभी अचंभित थे … तभी एक बुजुर्ग शेर ने पुछा ,“ अरे …तुम्हें आज अचानक क्या हो गया … तुम ऐसी बात क्यों कर रहे हो ..?”, शेरा बोला ,” मैं ऐसी -वैसी कोई बात नहीं कर रहा … जितने भी शिकार होते हैं उसमे मेरा सबसे बड़ा योगदान होता है … मेरी ताकत के दम पर ही हम इतने शिकार कर पाते हैं ; इसलिए...

खुद को कंकड़ पत्थर मत समझो

एक राजा का दरबार लगा हुआ था क्योंकि सर्दी का दिन था इसलिये राजा का दरवार खुले मे बैठा था पूरी आम सभा सुबह की धूप मे बैठी थीl महाराज ने सिंहासन के सामने एक टेबल जैसी कोई कीमती चीज रखी थी पंडित लोग दीवान आदि सभी दरवार मे बैठे थे राजा के परिवार के सदस्य भी बैठे थे उसी समय एक व्यक्ति आया और प्रवेश मागा . प्रवेश मिल गया तो उसने कहा मेरे पास दो वस्तुए है मै हर राज्य के राजा के पास जाता हू और अपनी बात रखता हू कोई परख नही पाता सब हार जाते है और मै विजेता बनकर घूम रहा हूँ अब आपके नगर मे आया हूँ राजा ने बुलाया और कहा क्या बात है तो उसने दोनो वस्तुये टेबल पर रख दी बिल्कुल समान आकार समान रुप रंग समान प्रकाश सब कुछ नख सिख समान राजा ने कहा ये दोनो वस्तुए...

शब्द की ताकत

एक नौजवान चीता पहली बार शिकार करने निकला। अभी वो कुछ ही आगे बढ़ा था कि एक लकड़बग्घा उसे रोकते हुए बोला, ” अरे छोटू , कहाँ जा रहे हो तुम ?”“मैं तो आज पहली बार खुद से शिकार करने निकला हूँ !”,  चीता रोमांचित होते हुए बोला।“हा-हा-हा-“, लकड़बग्घा हंसा ,” अभी तो तुम्हारे खेलने-कूदने के दिन हैं , तुम इतने छोटे हो , तुम्हे शिकार करने का कोई अनुभव भी नहीं है , तुम क्या शिकार करोगे !!”लकड़बग्घे की बात सुनकर चीता उदास हो गया , दिन भर शिकार के लिए वो बेमन इधर-उधर घूमता रहा , कुछ एक प्रयास भी किये पर सफलता नहीं मिली और उसे भूखे पेट ही घर लौटना पड़ा। अगली सुबह वो एक बार फिर शिकार के लिए निकला। कुछ दूर जाने पर उसे एक बूढ़े बन्दर ने देखा और पुछा ,...

भगवान (Bhagwan) का अस्तित्व :

एक बार एक व्यक्ति नाई की दुकान पर अपने बाल कटवाने गया| नाई और उस व्यक्ति के बीच में ऐसे ही बातें शुरू हो गई और वे लोग बातें करते-करते “भगवान” के विषय पर बातें करने लगे|  तभी नाई ने कहा – “मैं भगवान (Bhagwan) के अस्तित्व को नहीं मानता और इसीलिए तुम मुझे नास्तिक भी कह सकते हो|”  “तुम ऐसा क्यों कह रहे हो” व्यक्ति ने पूछा| नाई ने कहा – “बाहर जब तुम सड़क पर जाओगे तो तुम समझ जाओगे कि भगवान का अस्तित्व नहीं है| अगर भगवान (Bhagwan) होते, तो क्या इतने सारे लोग भूखे मरते? क्या इतने सारे लोग बीमार होते? क्या दुनिया में इतनी हिंसा होती? क्या कष्ट या पीड़ा होती? मैं ऐसे निर्दयी ईश्वर की कल्पना नहीं...

सीखना बंद तो जीतना बंद……

‘कौन बनेगा करोरपति’ के हर परमोशन में अमिताभ बच्चन जी एक कमाल का वाक्य  बोलते हैं कि ‘सीखना बंद तो जीतना बंद’ कितने  सरल तरीके से सबसे बड़े सवाल का जवाब दे दिया अमिताभ बच्चन जी ने. हर युग में, दुनिया के हर कोने में, हर इन्सान ये ही जानना चाहता है कि वो कैसे जीत सकता है? कैसे कामयाब हो सकता है? जी हाँ! ये ही जवाब है, ये ही सच्चाई है जब हम सीखना बंद कर देते है तो अपनी कामयाबी से दूर होने लगते है…… जीत या कामयाबी  एक नशा है, एक आदत है, एक जूनून है. जब तक यह नशा रहता है हम अपनी जीत के लिय, कामयाबी के लिय सब कुछ करना चाहते हैं. इस के लिय सब कुछ जानना, सीखना चाहते है, सब कुछ. और जैसे-जैसे यह नशा उतरने लगता है, जीतने...

Heaven – स्वर्ग

एक यात्री अपने घोड़े और कुत्ते के साथ सड़क पर चल रहा था. जब वे एक विशालकाय पेड़ के पास से गुज़र रहे थे तब उनपर आसमान से बिजली गिरी और वे तीनों तत्क्षण मर गए. लेकिन उन तीनों को यह प्रतीत नहीं हुआ कि वे अब जीवित नहीं है और वे चलते ही रहे. कभी-कभी मृत प्राणियों को अपना शरीरभाव छोड़ने में समय लग जाता है. उनकी यात्रा बहुत लंबी थी. आसमान में सूरज ज़ोरों से चमक रहा था. वे पसीने से तरबतर और बेहद प्यासे थे. वे पानी की तलाश करते रहे. सड़क के मोड़ पर उन्हें एक भव्य द्वार दिखाई दिया जो पूरा संगमरमर का बना हुआ था. द्वार से होते हुए वे स्वर्ण मढ़ित एक अहाते में आ पहुंचे. अहाते के बीचोंबीच एक फव्वारे से आईने की तरह साफ़ पानी निकल रहा था. यात्री...

मार्केट में पैसा कैसे डूबता है….इस कहानी के जरिये समझिए

एक बार एक आदमी ने गांववालों से कहा की वो 100रु .में एक बन्दर खरीदेगा , ये सुनकर सभी गांव वाले नजदीकी जंगल की और दौड़ पड़े और वहां से बन्दर पकड़ पकड़ कर 100 रु .में उस आदमी को बेचने लगे ……. कुछ दिन बाद ये सिलसिला कम हो गया और लोगों की इस बात में दिलचस्पी कम हो गयी ……. फिर उस आदमी ने कहा की वो एक एक बन्दर के लिए 200 रु .देगा , ये सुनकर लोग फिर बन्दर पकड़ने में लग गये, लेकिन कुछ दिन बाद मामला फिर ठंडा हो गया …. अब उस आदमी ने कहा की वो बंदरों के लिए 500 रु देगा , लेकिन क्यूंकि उसे शहर जाना था उसने इस काम के लिए एक असिस्टेंट नियुक्त कर दिया ……..  500 रु सुनकर गांव वाले बदहवास हो गए ,लेकिन पहले ही लगभग सारे बन्दर पकडे जा चुके थे इसलिए उन्हें...

संघर्ष और चुनोतियो के बिना व्यक्ति खोखला है

एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये! एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा ,देखिये प्रभु,आप परमात्मा हैं , लेकिन लगता है आपको खेती बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है ,एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये , जैसा मै चाहू वैसा मौसम हो,फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा! परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम कहोगे वैसा ही मौसम दूंगा, मै दखल नहीं करूँगा! किसान ने गेहूं की फ़सल बोई ,जब धूप चाही ,तब धूप मिली, जब पानी तब पानी ! तेज धूप, ओले,बाढ़ ,आंधी तो उसने आने ही नहीं...

चार मोमबत्तियां

रात का समय था, चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था , नज़दीक ही एक कमरे में चार मोमबत्तियां जल रही थीं। एकांत पा कर आज वे एक दुसरे से दिल की बात कर रही थीं। पहली मोमबत्ती बोली, ” मैं शांति हूँ , पर मुझे लगता है अब इस दुनिया को मेरी ज़रुरत नहीं है , हर तरफ आपाधापी और लूट-मार मची हुई है, मैं यहाँ अब और नहीं रह सकती। …” और ऐसा कहते हुए , कुछ देर में वो मोमबत्ती बुझ गयी। दूसरी मोमबत्ती बोली , ” मैं विश्वास हूँ , और मुझे लगता है झूठ और फरेब के बीच मेरी भी यहाँ कोई ज़रुरत नहीं है , मैं भी यहाँ से जा रही हूँ …” , और दूसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी। तीसरी मोमबत्ती भी दुखी होते हुए बोली , ” मैं प्रेम हूँ, मेरे पास जलते रहने की ताकत है, पर आज हर कोई इतना ...

खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप

दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो . खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है . शक्ति जीवन है , निर्बलता मृत्यु है . विस्तार जीवन है , संकुचन मृत्यु है . प्रेम जीवन है , द्वेष मृत्यु है . एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ . भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं अगर उसे अपने ह्रदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते . उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये. उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो , तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो , तुम तत्व नहीं हो , ना ही...

ये 7 बातें हमेशा गुप्त रखनी चाहिए:

1. अपमान यदि किसी वजह से हमें अपमान का सामना करना पड़ा हो तो इस बात को गुप्त रखना फायदेमंद होता है। यदि दूसरों को यह मालूम होगा की हमें अपमान का सामना करना पड़ा है तो लोग हमारा मजाक बना सकते हैं। 2. धन हानि आज के समय में धन को किसी भी व्यक्ति की शक्ति का पैमाना माना जाता है। अधिकांश परिस्थितियों में धन के आधार पर ही रिश्ते निभाए जाते हैं और मित्रता की जाती है। अत: यदि हमें कभी भी धन हानि का सामना करना पड़े तो इस बात को गुप्त रखना चाहिए। धन हानि की बात दूसरों को बता दी जाएगी तो कई लोग हमसे दूरियां बढ़ा लेंगे। धन हानि से उबरने के लिए धन की आवश्यकता होती है, इस बात के जाहिर होने पर कोई धन की मदद भी नहीं करेगा। साथ ही, यदि हमारे पास बहुत...

महात्मा जी की बिल्ली

एक बार एक महात्माजी अपने कुछ शिष्यों के साथ जंगल में आश्रम बनाकर रहते थें, एक दिन कहीं से एक बिल्ली का बच्चा रास्ता भटककर आश्रम में आ गया । महात्माजी ने उस भूखे प्यासे बिल्ली के बच्चे को दूध-रोटी खिलाया । वह बच्चा वहीं आश्रम में रहकर पलने लगा। लेकिन उसके आने के बाद महात्माजी को एक समस्या उत्पन्न हो गयी कि जब वे सायं ध्यान में बैठते तो वह बच्चा कभी उनकी गोद में चढ़ जाता, कभी कन्धे या सिर पर बैठ जाता । तो महात्माजी ने अपने एक शिष्य को बुलाकर कहा देखो मैं जब सायं ध्यान पर बैठू, उससे पूर्व तुम इस बच्चे को दूर एक पेड़ से बॉध आया करो। अब तो यह नियम हो गया, महात्माजी के ध्यान पर बैठने से पूर्व वह बिल्ली का बच्चा पेड़ से बॉधा जाने लगा । एक...

नोटों पर कहां से आई गांधी जी की तस्वीर

(फोटो: कोलकाता स्थित वायसराय हाउस में फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ गांधीजी (ऊपर) और भारतीय नोट) नई दिल्ली. सरकार के मुताबिक, इस साल के अंत से देसी कागज पर छपे नोटों की बिक्री शुरू हो जाएगी। वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने हाल ही में लोकसभा में कहा था कि अब तक सभी नोटों की छपाई विदेशों से आयातित कागज पर होती है जबकि स्याही भारत में ही बनती है, इसलिए अब सरकार देसी कागज पर ही नोटों की छपाई शुरू करेगी।  देसी कागज के नोट पर भी होंगे गांधी जी भारतीय करंसी पर फिलहाल गांधीजी की तस्वीर अंकित है। देसी कागज पर छपने वाला नोटों पर भी ये ही तस्वीर अंकित होगी। ये हमारी करंसी का ट्रेडमार्क भी...

एक नास्तिक की भक्ति..........

हरिराम नामक आदमी शहर के एक छोटी सी गली में रहता था। वह एक दवाखाने का मालिक था। सारी दवाइयों की उसे अच्छी जानकारी थी। दस सालका अनुभव होने के कारण उसे अच्छी तरह पता था कि कौन सी दवाई कहाँ रखी है। वह इस पेशे को बड़े ही शौक से बहुत ही निष्ठा से करता था।दिन-ब-दिन उसके दुकान में सदैव भीड़ लगी रहती थी। वह ग्राहकों को वांछित दवाइयों को सावधानी और इत्मीनान होकर देता था। पर उसे भगवान पर कोई भरोसा नहीं था वह एक नास्तिक था। भगवान के नाम से ही वह चिढ़ने लगता था। घरवालों उसे बहुत समझाते पर वह उनकी एक न सुनता था। खाली वक्त मिलने पर वह अपने दोस्तों के संग मिलकर, घर या दुकान में ताश खेलता था। एक दिन उसके दोस्त उसका हालचाल पूछने दुकान में आए अचानक बहुत जोर से...

यह संसार क्या है?

एक नगर में एक शीशमहल था। महल की हरेक दीवार पर सैकड़ों शीशे जडे़ हुए थे। एक दिन एक गुस्सैल कुत्ता महल में घुस गया। महल के भीतर उसे सैकड़ों कुत्ते दिखे, जो नाराज और दुखी लग रहे थे। उन्हें देखकर वह उन पर भौंकने लगा। उसे सैकड़ों कुत्ते अपने ऊपर भौंकते दिखने लगे। वह डरकर वहां से भाग गया कुछ दूर जाकर उसने मन ही मन सोचा कि इससे बुरी कोई जगह नहीं हो सकती। कुछ दिनों बाद एक अन्य कुत्ता शीशमहल पहुंचा। वह खुशमिजाज और जिंदादिल था। महल में घुसते ही उसे वहां सैकड़ों कुत्ते दुम हिलाकर स्वागत करते दिखे। उसका आत्मविश्वास बढ़ा और उसने खुश होकर सामने देखा तो उसे सैकड़ों कुत्ते खुशी जताते हुए नजर आए। उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। जब वह महल से बाहर आया तो उसने महल को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्थान और वहां के अनुभव को अपने जीवन का सबसे बढ़िया अनुभव माना। वहां फिर से आने के संकल्प के साथ वह वहां से रवाना हुआ।'...

गुरुवर कृपा

एक राजा था. उसे पढने लिखने का बहुत शौक था. एक बार उसने मंत्री-परिषद् के माध्यम से अपने लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की. शिक्षक राजा को पढ़ाने के लिए आने लगा. राजा को शिक्षा ग्रहण करते हुए कई महीने बीत गए, मगर राजा को कोई लाभ नहीं हुआ. गुरु तो रोज खूब मेहनत करता थे परन्तु राजा को उस शिक्षा का कोई फ़ायदा नहीं हो रहा था. राजा बड़ा परेशान, गुरु की प्रतिभा और योग्यता पर सवाल उठाना भी गलत था क्योंकि वो एक बहुत ही प्रसिद्द और योग्य गुरु थे. आखिर में एक दिन रानी ने राजा को सलाह दी कि राजन आप इस सवाल का जवाब गुरु जी से ही पूछ कर देखिये. राजा ने एक दिन हिम्मत करके गुरूजी के सामने अपनी जिज्ञासा रखी, ” हे गुरुवर , क्षमा कीजियेगा , मैं कई महीनो से आपसे शिक्षा ग्रहण कर रहा हूँ पर मुझे इसका कोई लाभ नहीं हो रहा है. ऐसा क्यों है ?” गुरु जी ने बड़े ही शांत स्वर में जवाब दिया, ” राजन इसका कारण बहुत ही...

विपत्ति और घबराहट

एक राजा अपने कुछ सेवकों को साथ लेकर कहीं दूर देश को जा रहा था। रास्ते में कुछ यात्रा समुद्र की थी इसलिए जहाज में बैठकर चलने का प्रबन्ध किया। राजा अपने सेवकों समेत जहाज में सवार हुआ। मल्लाहों ने लंगर खोल दिया। जहाज जब कुछ दूर आगे चला तो लहरों के थपेड़ों के साथ टकरा कर वह हिलने लगा। सब लोग कई बार यात्रा कर चुके थे इसलिए कोई व्यक्ति इस हिलने डुलने से घबराया नहीं किन्तु एक सेवक जो बिल्कुल नया था। चारों ओर पानी ही पानी और बीच में डगमगाता हुआ जहाज देखकर बुरी तरह घबराने लगा। उसकी सारी देह काँप रही थी। मुँह से घिग्घी बंध रही थी नसों का लोहू पानी हुआ जा रहा था। उसके साथी अन्य सेवकों ने समझाया, राजा ने ढांढस बंधाया। उसे बार-बार समझाया जा रहा था कि ‘यह विपत्ति देखने में ही बड़ी मालूम देती है वास्तव में तो प्रकृति की साधारण सी हलचल है। हम लोगों को इनसे डरना नहीं चाहिये और धैर्यपूर्वक अच्छा...

मानवता के मूल्यों का महत्त्व

एक स्कूल में टीचर ने अपने छात्रो को एक कहानी सुनाई और बोली एक समय की बात है की एक समय एक छोटा जहाज दुर्घटना ग्रस्त हो गया . उस पर पति पत्नी का एक जोड़ा सफ़र कर रहा था . उन्होने देखा की जहाज पर एक लाइफबोट है जिसमे एक ही व्यक्ति बैठ सकता है, जिसे देखते ही वो आदमी अपनी पत्नी को धक्का देते हुए खुद कूद कर उस लाइफबोट पर बैठ गया . उसकी पत्नी जोर से चिल्ला कर कुछ बोली .... टीचर ने बच्चो से पूछा की तुम अनुमान लगाओ वो चिल्लाकर क्या बोली होगी बहुत से बच्चो ने लगभग एक साथ बोला की वो बोली होगी की तुम बेवफा हो , मे अंधी थी जो तुमसे प्यार किया ,मे तुमसे नफरत करती हूँ. तभी टीचर ने देखा की एक बच्चा चुप बैठा है और कुछ नहीं बोल रहा .. ....उसने उसे बुलाया और कहा बताओ उस महिला ने क्या कहा होगा. तो वो बच्चा बोलो मुझे लगता है की उस महिला ने चिल्लाकर कहा होगा की “अपने बच्चे का ख्याल रखना “. टीचर को आश्चर्य...

बालक एडीसन

बालक एडीसन को विज्ञान में बहुत रुचि थी। वह उस विषय में जानना और कुछ करना चाहता था। पर घर की स्थिति ऐसी न थी जो पढ़ाई का खर्च उठा सकें, साथ ही पेट भी भरता रहे। उसकी अकेली माता ही घर चलाती थी। एडीसन और उसकी माता ने सलाह की कि किसी वैज्ञानिक के यहाँ उसको रख दिया जाय। जहाँ वह उनके घर का काम भी करता रहे, पढ़ता भी रहे, वैज्ञानिक प्रयोगों का पर्यवेक्षण भी करता रहे। एडीसन की माता इस प्रयोजन के लिए लड़के को कितने ही वैज्ञानिकों के पास लेकर गई, पर किसी ने भी इस झंझट में पड़ना स्वीकार न किया। अन्त में एक वैज्ञानिक ने उसे दूसरे दिन लाने को कहा ताकि वह उसकी मौलिक प्रतिभा को जाँच सके और वह यदि उपयुक्त हो तो उसे अपने यहाँ रख सके। माता दूसरे दिन नियत समय पर लड़के को लेकर पहुँची। वैज्ञानिक ने लड़के को झाड़ू थमाते हुए कहा-बच्चे इस कमरे को ठीक तरह झाड़ू लगाकर लाओ। लड़के ने पूरा मनोयोग लगाया और...

योग्यता और उपलब्धि

एक कछुआ यह सोचकर बड़ा दुखी रहता था, कि पक्षीगण बड़ी आसानी से आकाश मेँ उड़ा करते है, परन्तु मैँ नही उड़ पाता । वह मन ही मन यह सोचविचार कर इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि यदि कोई मुझे एक बार भी आकाश मेँ पहुचा दे तो फिर मै भी पक्षियो की तरह ही उड़ते हुये विचरण किया करूँ। एक दिन उसने एक गरूड़ पक्षी के पास जाकर कहा– “भाई! यदि तुम दया करके मुझे एक बार आकाश मेँ पहुँचा दो तो मैँ समुद्रतल से सारे रत्न निकालकर तुम्हे दे दुँगा। मुझे आकाश मे उड़ते हुऐ विचरण करने की बड़ी ईच्छा हो रही है।“ कछुए की प्रार्थना तथा आकांक्षा सुनकर गरुड़ बोला– “सुनो भाई! तुम जो चाहते हो उसका पूरा हो पाना असम्भव है, क्युकि अपनी क्षमता से ज्यादा आकांक्षा कभी पूरी नही हो पाती।“ परन्तु कछुआ अपनी जिद पे अड़ा रहा, और बोला- “बस तुम मुझे एक बार उपर पहुँचा दो, मैँ उड़ सकता हुँ, और उड़ुँगा। और यदि नही उड़ सका तो गिरकर मर जाऊंगा, इसके लिये तुम्हे...

Thoughts of Swami Vivekanand ji

 त्रुटियाँ और गलतियाँ हमारे एक मात्र शिक्षक है। "हमारे सभी कामो में, त्रुटियाँ और गलतियाँ हमारे एक मात्र शिक्षक है। जो गलतियाँ करते है, सचाई का रास्ता भी उनके दुवारा ही हासिल किया जाता है I" "यदि तुम संसार पर उपकार करना चाहते हो, तो जगत पर दोषारोपण करना छोड़ दो।" "भय और अधूरी इच्छाये ही समस्त दुखो का मूल है|" "हम ईश्वर को खोजने के लिए और कहाँ जा सकते हैं|" "अगर हम ईश्वर को अपने दिल में और हर जीवित चीज में नहीं देख सकते हैं तो हम ईश्वर को खोजने के लिए और कहाँ जा सकते हैं I" "जिंदगी बहुत छोटी है, दुनिया में किसी भी चीज़ का घमंड अस्थायी है पर केवल जीवन वही जी रहा है जो दूसरों के लिए जी रहा है, बाकि सब जीवित से अधिक मृत हैI" "विश्व के कल्याण की कोई संभावना नहीं है, जब तक महिलाओं की हालत में सुधार नहीं होगा I एक पक्षी के लिए एक पंख के सहारे उड़ान भरना संभव नहीं है...

Pages (19)1234567 Next

 

आभासी दुनिया से बाहर निकलना

ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

बोनस टिप:

हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें:

पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.