ग्रहो का इलाज बिना पैसो के खर्च किये बिना :

प्रभु कहते हैं की हे प्राणी तू पाप न कर अगर पाप करेगा तो यह कर्ज है जिस को चुकाने तुझे बार बार यंहा आना पड़ेगा |मानव जन्म मैं तो तू बेटा पिता बहन भाई माँ बन कर चूका देगा लेकिन अगर तूने पाप नहीं रोका तो फिर तू उसी व्यक्ति के घर मैं पशु बनकर कर्ज चुकाएगा जैसे बजन ढोयेगा दुःख पायेगा| हे मानव तूने पिछले जन्म मैं कर्ज लिया था जिस को लेनेतेरे आसपास रिश्ता बनाकर तेरे अपने हैं और जो या तो लेने आये हैं | लोग कहते हैं कितनी पूजा पाठ कर ली दान कर लिए कोई फल नहीं मिल रहा हे मानव पिछले जन्म का कर्ज देख कितना लिया किस से लिया उस को चूका फिर तू सुखी होगा | ऐसे तो पूजा पाठ करके तू सुखी नहीं होसकता| सूर्य ख़राब है पिता की सेवा करचंद्र ख़राब है माँ का आशीष...

सफलता का फॉर्मूला

हमेशा अपनी पूरी तन्मयता, एकाग्रता से काम करो, उसमें अपना मन, तन और हृदय लगा दो। फल को महत्व मत दो। यही फॉर्मूला है : स्मरण करो, समर्पण करो और पूरी निष्ठा से कर्म करो। तुम्हारे हाथ में केवल यह एक चीज है कर्म, फल तुम्‍हारे हाथ में नहीं है। हर रोज, सुबह से शाम तक, जब तक तुम काम कर रहे हो उस दिव्य को याद रखो और उसे ही अर्पित करो। फल की चिन्‍ता ना करो। कहने का ये तात्‍पर्य नही है कि फल की इच्‍छा के बिना ही कर्म किये जाओ। ऐसे तो निराशा मन में व्‍याप्‍त हो जायेगी। इसका अर्थ ये है कि यदि कर्म करोगे तो फल तो मिलेगा ही उसके लिये चिन्‍ता क्‍यों करते हो। फिर यदि कार्य का फल ना मिले तो इसका मतलब ये नहीं कि ईश्‍वर ने उसका फल आपको नही दिया बल्कि इसका...

जीवन की साधना में सफलता कैसे?

मनुष्य को अपने जीवन में विकास करने के लिए प्रयत्न तो करना ही पड़ता है। प्रयत्न करने का पूरा साहस चाहिए, खाली बातों से विकास नही होता। पहले अपने जीवन का लक्ष्य तय करें, कि मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है, मुझे क्या खोजना है, मैं क्या हो सकता हूँ और मुझे क्या होना चाहिए, तब आगे बात बन सकती है। और आप सोचे जो पीछे से चलता आ रहा है, वो ही आगे चलता रहेगा यानि कि लकीर के फकीर सुनी-सुनाई बातों पर चलते रहे। उससे कुछ भी विकास नही होगा, आपके अंदर नया करने की क्षमता चाहिए। तभी आप आगे बढ़ेंगे, और लोगों का मार्ग दर्शन कर सकते है। मार्ग दर्शन तो आपको भी चाहिए और आपसे बढ़िया आपका मार्ग दर्शक कोई नही हो सकता। आप ही जब तक अपने स्वभाव को नहीं जानेंगे, तब तक आपको...

सही दिशा का चुनाव :

एक पहलवान जैसा, हट्टा-कट्टा, लंबा-चौड़ा व्यक्ति सामान लेकर किसी स्टेशन पर उतरा। उसनेँ एक टैक्सी वाले से कहा कि मुझे साईँ बाबा के मंदिर जाना है। टैक्सी वाले नेँ कहा- 200 रुपये लगेँगे। उस पहलवान आदमी नेँ बुद्दिमानी दिखाते हुए कहा- इतने पास के दो सौ रुपये, आप टैक्सी वाले तो लूट रहे हो। मैँ अपना सामान खुद ही उठा कर चला जाऊँगा। वह व्यक्ति काफी दूर तक सामान लेकर चलता रहा। कुछ देर बाद पुन: उसे वही टैक्सी वाला दिखा, अब उस आदमी ने फिर टैक्सी वाले से पूछा – भैया अब तो मैने आधा से ज्यादा दुरी तर कर ली है तो अब आप कितना रुपये लेँगे? टैक्सी वाले नेँ जवाब दिया- 400 रुपये। उस आदमी नेँ फिर कहा- पहले दो सौ रुपये, अब चार सौ रुपये,...

सफलता की कुंजी - मुश्किलो का सामना :

एक ट्रक में मारबल जा रहा था।उसमें एक भगवान की मूर्ति, और चकोर टाइल्स साथ- साथ जा रही थी। रास्ते में आपस में टकराते (टक-टक-टक) हुए टाइल्स ने भगवान् की मूर्ति से कहा...भाई उपर वाले के द्वारा हम दोनों के साथ यह भेदभाव क्यों ? मूर्ति: कैसा भेदभाव ? टाइल्स: भाई तुम भी पत्थर, मैं भी पत्थर, तुम भी उसी खान से निकले जिससे मैं निकला, तुम उसी के द्वारा बेचे और खरीदें गये जिनके द्वारा मैं| तुम भी उसी ट्रक में जा रहे हो जिसमें मैं | तुम भी उसी मंदिर में लगाए जाओगे जिसमें मैं | लेकिन मेरे भाई तेरी तो पूजा होगी, और मैं पावं तले कुचला जाऊँगा। यह भेदभाव आखिर क्यों ? मूर्ति: सुनो, जब हमें छेनी-हथोड़े से तराशा जा रहा था, तब तुम चोट बरदाश्त...

MAGIC OF PRAISE & HONOR

ये कहानी इक ऐसे व्यक्ति की है जो एक फ्रीजर प्लांट में काम करता था।वह दिन का अंतिम समय था व् सभी घर जाने को तैयार थे तभी प्लांट में एक तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गयी और वह उसे दूर करने में जुट गया। जब तक वह कार्य पूरा करता तब तक अत्यधिक देर हो गयी। दरवाजे सील हो चुके थे व लाईटें बुझा दी गईं थी। बिना हवा व् प्रकाश के पूरी रात आइस प्लांट में फसें रहने के कारण उसकी बर्फीली कब्रगाह बनना तय था। घण्टे बीत गए तभी उसने किसी को दरवाजा खोलते पाया।... क्या यह इक चमत्कार था ? सिक्यूरिटी गार्ड टोर्च लिए खड़ा था व् उसने उसे बाहर नि कलने में मदद की। वापस आते समय उस व्यक्ति ने सेक्युरिटी गार्ड से पूछा "आपको कैसे पता चला कि मै भीतर हूँ ?"  गार्ड ने...

असफल होने का डर :

एक बार कुछ वैज्ञानिकों ने एक बड़ा ही रोचक परीक्षण किया..उन्होंने पाँच बन्दरों को एक बड़े से पिंजरे में बंद कर दिया और बीचों-बीच एक सीढ़ी लगा दी जिसके ऊपर केले लटक रहे थे..जैसा की अनुमानित था, एक बन्दर की नज़र केलों पर पड़ी वो उन्हें खाने के लिए दौड़ा..जैसे ही बन्दर ने कुछ सीढ़ियां चढ़ीं, उस पर ठण्डे पानी की तेज धार डाल दी गयी और उसे उतर कर भागना पड़ा..पर वैज्ञानिक यहीं नहीं रुके | उन्होंने एक बन्दर के किये गए की सजा बाकी बन्दरों को भी दे डाली और सभी को ठन्डे पानी से भिगो दिया..बेचारे बन्दर हक्के-बक्के एक कोने में दुबक कर बैठ गए..पर वे कब तक बैठे रहते,कुछ समय बाद एक दूसरे बन्दर को केले खाने का मन किया..और वो उछलता कूदता सीढ़ी की तरफ दौड़ा..अभी...

मंन की शक्ति :

एक आदमी गुब्बारे बेच कर जीवन-यापनकरता था | वह गाँव के आस-पास लगनेवाली हाटों में जाता औरगुब्बारेबेचता | बच्चों को लुभाने के लिए वह तरह-तरह केगुब्बारे रखता …लाल, पीले ,हरे, नीले…. और जब कभी उसे लगता की बिक्री कम हो रही है वह झट से एक गुब्बारा हवा में छोड़ देता, जिसे उड़ता देखकर बच्चे खुश हो जाते और गुब्बारेखरीदने के लिए पहुँच जाते| इसी तरह तरह एक दिन वह हाट में गुब्बारे बेच रहा था और बिक्री बढाने के लिए बीच-बीच में गुब्बारे उड़ा रहा था| पास ही खड़ा एक छोटा बच्चा ये सब बड़ी जिज्ञासा के साथ देख रहा था | इस बार जैसे ही गुब्बारे वाले नेएक सफ़ेद गुब्बारा उड़ाया वह तुरंत उसके पास पहुंचा और मासूमियत से बोला, ” अगर आप...

I AM THE BEST

मेरे प्यारे दोस्तों, मेरी बात ध्यान से सुनो| मै और आप सब बहुत अच्छे है | इसलिए आज से  अपने आप को नकारात्मक कोम्प्लिमेंट्स देना बंद करो | आप कुछ भी कर सकते हो।  आप में  सब कुछ करने के लिए सभी संभावित और क्षमता है। भगवान ने हम सब को कुछ न कुछ स्पेशल दिया है जिसमे हमारी महारत है | इसलिए दोस्तों जो आपको नहीं मिला उसके लिए रोना बंद करो और पेन और डायरी उठाओ और अपने मास्टर आइडियाज को लिखो जिसमे आपकी मास्टरी है | जरा सोचो दोस्तों आप इन क्षेत्रो मई इतने निपुण क्यों है क्योकि भगवान ने ये आपको दिए है| जब खुद भगवान आपके साथ है तो फिर क्यों परेशान होते हो| तो इसलिए दोस्तों खुश हो जाइए की आप भगवान की बनाई गई सबसे अच्छी और प्रतिभासाली...

LIVE YOUR LIFE LIKE BUTTERFLY

दोस्तों जरा तितली को देखो। इसका अपना जीवन काल बहुत कम है, फिर भी यह अपनी लाइफ को बहुत अच्छी तरह से जीती है | यह एक फूल से दूसरे फूल पे ,प्रकृति की सबसे खूबसूरत रचना के paas जाती है। यह प्रकृति के  अमृत-मधुर भाग को ग्रहण करती है। इसे खाने या पीने के लिए कुछ और दे दो, लेकिन यह केवल सबसे अच्छा, शहद चुनती है | इसी तरह, हमें प्यार से बोलना, सोचना और जीना चाहिए और अपनी जिंदगी को सुन्दर तरीके से एन्जॉय करना चाहिए| ...

ENHANCE YOUR SKILLS, SURELY GET SUCCESS :

कई बार ऐसा होता है कि हम मन लगाकर ईमानदारी से अपना काम करते हैं इसके बाद भी हमारी तरक्की नहीं होती। जबकि जो व्यक्ति हमारे बाद कंपनी में आता है उसकी तरक्की जल्दी हो जाती है। ऐसी स्थिति में हम खुद को ठगा हुआ सा महसूस करते हैं और अपने मालिक को दोषी ठहराते हैं। आखिर ऐसा हुआ क्यों? इस विषय पर हमारा ध्यान नहीं जाता। जबकि होना यही चाहिए कि सबसे पहले हमें उस व्यक्ति तथा खुद की तुलना करें फिर खुद में बदलाव लाएं और अपनी कार्यक्षमता बढ़ाएं। जब हम ऐसा कर लेंगे तो आपकी तरक्की की बाधा खुद ही हट जाएगी। किसी गांव में हरिया नाम का एक लकड़हारा रहता था। वह अपने मालिक के लिए रोज जंगल से लकडिय़ां काटकर लाता था। यह काम करते हुए उसे पांच साल हो चुके थे लेकिन...

ALWAYS THINK POSITIVE

हमारा दिमाग विचारों का निर्माण करने वाली एक फैक्ट्री है . इसमें हर वक़्त कोई ना कोई thought बनती रहती है. और इस काम को कराने के लिए हमारे पास दो बड़े ही आज्ञाकारी सेवक हैं और साथ ही ये अपने काम में माहिर भी हैं . आप कभी भी इनकी परीक्षा ले लीजिये ये उसमे सफल ही होंगे . आइये इनका परिचय कराता हूँ- पहले सेवक का नाम है- Mr. Triumph या मिस्टर विजय दुसरे सेवक का नाम है- Mr. Defeat या मिस्टर पराजय Mr . विजय का काम है आपके आदेशानुसार positive thoughts का निर्माण करना. और Mr. पराजय का काम है आपके आदेशानुसार negative thoughts का निर्माण करना. और ये सेवक इतने निपुण हैं कि ये आपके इशारे के तुरंत समझ जाते हैं और बिना वक़्त गवाएं अपना काम शुरू...

LEARNING FROM MOVIE SHAMITABH :-

 मीडिया : सर , क्या आपने सपने मे भी सोचा था कि आपको इतनी सफलता मिलेगी. क्या इतना भरोसा था अपने टैलेंट पर आपको |   धनुष : टैलेंट के भरोसे चलता तो बस सपना ही देखता रहता मुझे सपने से जयादा अपनी चाहत पे भरोसा था| बहुत बहुत बहुत चाहता था कि मै एक्टर बनु | जब हम किसी चीज को बहुत बहुत चाहते है ना तो मिल ही जाती है |  इसलिए दोस्तों अपने टारगेट को बहुत बहुत चाहो और उसके लिए जम कर मेहनत करो और फिर देखो सफलता आपके कदम चूमेगीl ...

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आभासी दुनिया से बाहर निकलना

ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

बोनस टिप:

हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें:

पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.