सफलता की कुंजी - मुश्किलो का सामना :

एक ट्रक में मारबल जा रहा था।उसमें एक भगवान की मूर्तिऔर चकोर टाइल्स साथ- साथ जा रही थी।
रास्ते में आपस में टकराते (टक-टक-टक) हुए टाइल्स ने भगवान् की मूर्ति से कहा...भाई उपर वाले के द्वारा हम दोनों के साथ यह भेदभाव क्यों ?
मूर्ति: कैसा भेदभाव ?
टाइल्स: भाई तुम भी पत्थर, मैं भी पत्थरतुम भी उसी खान से निकले जिससे मैं निकलातुम उसी के द्वारा बेचे और खरीदें गये जिनके द्वारा मैं|
तुम भी उसी ट्रक में जा रहे हो जिसमें मैं |
तुम भी उसी मंदिर में लगाए जाओगे जिसमें मैं |
लेकिन मेरे भाई तेरी तो पूजा होगी,
और मैं पावं तले कुचला जाऊँगा।
यह भेदभाव आखिर क्यों ?
मूर्ति: सुनो, जब हमें छेनी-हथोड़े से तराशा जा रहा थातब तुम चोट बरदाश्त नहीं कर सके और टूट गये।
मैं चोट को बरदाश्त करता गया।कभी आखँ बनी, कभी नाक बनी, कभी पैर बने, कभी हाथ।
ऐसी लाखों करोड़ों चोटें सहन की मैंने। चोट सहते-सहते...
मेरा रूप निखर गया और मैं पूजनीय हो गया।
तुम सह नहीं सके और खंडित हो गये।
तुम्हारे छोटे-छोटे टुकड़े हो गये और तुम कुचलनीय हो गये...

इसलिए दोस्तो, जो व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लग्न से हर मुश्किलो का सामना करता हुआ आगे बढ़ता है, वही व्यक्ति अंत मे सफलता को प्राप्त करता है|







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आभासी दुनिया से बाहर निकलना

ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

बोनस टिप:

हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें:

पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.