एक आदमी गुब्बारे बेच कर जीवन-यापनकरता था | वह गाँव के आस-पास लगनेवाली हाटों में जाता और
गुब्बारेबेचता | बच्चों को लुभाने के लिए वह तरह-तरह केगुब्बारे रखता …लाल, पीले ,हरे, नीले…. और जब कभी उसे लगता की बिक्री कम हो रही है वह झट से एक गुब्बारा हवा में छोड़ देता, जिसे उड़ता देखकर बच्चे खुश हो जाते और गुब्बारे
खरीदने के लिए पहुँच जाते| इसी तरह तरह एक दिन वह हाट में गुब्बारे बेच रहा था और बिक्री बढाने के लिए बीच-बीच में गुब्बारे उड़ा रहा था| पास ही खड़ा एक छोटा बच्चा ये सब बड़ी जिज्ञासा के साथ देख रहा था | इस बार जैसे ही गुब्बारे वाले ने
एक सफ़ेद गुब्बारा उड़ाया वह तुरंत उसके पास पहुंचा और मासूमियत से बोला, ” अगर आप ये काला वाला गुब्बारा छोड़ेंगे…
तो क्या वो भी ऊपर जाएगा ?”
गुब्बारा वाले ने थोड़े अचरज के साथ उसे देखा और बोला, ” हाँ बिलकुल जाएगा बेटे, !
गुब्बारे का ऊपर जाना इस बात पर नहीं निर्भर करता है कि वो किस रंग का है बल्कि इसपर निर्भर करता है कि उसके अन्दर
क्या है |”
Friends , ठीक इसी तरह हम इंसानों के लिए भी ये बात लागु होती है. कोई अपनी life में क्या achieve करेगा, ये उसके बाहरी रंग-रूप पर नहीं depend करता है , ये उसके भीतर की शक्तियों ,उसकी काबिलियत,क्षमताऔर will power पर depend करता है |
डर , चिंता , शंका , निराशा , पूर्वाग्रह जैसी नकारात्मक भावनाएं है जो हमें जिंदगी में आगे नहीं बढ़ने देती। ये भाव जब हम हमारे अर्धजाग्रत मंन को पहुंचाते हैं तो हमारा अर्धजाग्रत मंन इन्ही विचारों के अनुसार हमारी जिंदगी को ऐसा ही बना देता है। इसीलिए हमें हमेशा सकारात्मक भाव ही रखने चाहिए।
गुब्बारेबेचता | बच्चों को लुभाने के लिए वह तरह-तरह केगुब्बारे रखता …लाल, पीले ,हरे, नीले…. और जब कभी उसे लगता की बिक्री कम हो रही है वह झट से एक गुब्बारा हवा में छोड़ देता, जिसे उड़ता देखकर बच्चे खुश हो जाते और गुब्बारे
खरीदने के लिए पहुँच जाते| इसी तरह तरह एक दिन वह हाट में गुब्बारे बेच रहा था और बिक्री बढाने के लिए बीच-बीच में गुब्बारे उड़ा रहा था| पास ही खड़ा एक छोटा बच्चा ये सब बड़ी जिज्ञासा के साथ देख रहा था | इस बार जैसे ही गुब्बारे वाले ने
एक सफ़ेद गुब्बारा उड़ाया वह तुरंत उसके पास पहुंचा और मासूमियत से बोला, ” अगर आप ये काला वाला गुब्बारा छोड़ेंगे…
तो क्या वो भी ऊपर जाएगा ?”
गुब्बारा वाले ने थोड़े अचरज के साथ उसे देखा और बोला, ” हाँ बिलकुल जाएगा बेटे, !
गुब्बारे का ऊपर जाना इस बात पर नहीं निर्भर करता है कि वो किस रंग का है बल्कि इसपर निर्भर करता है कि उसके अन्दर
क्या है |”
Friends , ठीक इसी तरह हम इंसानों के लिए भी ये बात लागु होती है. कोई अपनी life में क्या achieve करेगा, ये उसके बाहरी रंग-रूप पर नहीं depend करता है , ये उसके भीतर की शक्तियों ,उसकी काबिलियत,क्षमताऔर will power पर depend करता है |
डर , चिंता , शंका , निराशा , पूर्वाग्रह जैसी नकारात्मक भावनाएं है जो हमें जिंदगी में आगे नहीं बढ़ने देती। ये भाव जब हम हमारे अर्धजाग्रत मंन को पहुंचाते हैं तो हमारा अर्धजाग्रत मंन इन्ही विचारों के अनुसार हमारी जिंदगी को ऐसा ही बना देता है। इसीलिए हमें हमेशा सकारात्मक भाव ही रखने चाहिए।
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