RECOGNIZE YOUR TALENT

किसी जंगल में एक बहुत बड़ा तालाब था . तालाब के पास एक बागीचा था , जिसमे अनेक प्रकार के पेड़ पौधे लगे थे . दूर- दूर से लोग वहाँ आते और बागीचे की तारीफ करते | गुलाब के पेड़ पे लगा पत्ता हर रोज लोगों को आते-जाते और फूलों की तारीफ करते देखता, उसे लगता की हो सकता है एक दिन कोई उसकी भी तारीफ करे. पर जब काफी दिन बीत जाने के बाद भी किसी ने उसकी तारीफ नहीं की तो वो काफी हीन महसूस करने लगा . उसके अन्दर तरह-तरह के विचार आने लगे—” सभी लोग गुलाब और अन्य फूलों की तारीफ करते नहीं थकते पर मुझे कोई देखता तक नहीं , शायद मेरा जीवन किसी काम का नहीं …कहाँ ये खूबसूरत फूल और कहाँ मैं… ” और ऐसे विचार सोच कर वो पत्ता काफी उदास रहने लगा  |दिन यूँही बीत रहे थे कि एक दिन जंगल में बड़ी जोर-जोर से हवा चलने लगी और देखते-देखते उसने आंधी का रूप ले लिया. बागीचे के पेड़-पौधे तहस-नहस होने लगे , देखते-देखते सभी फूल...

Keep in Touch with your Network

"मनुष्य को बोलना सिखने में दो साल लगते है । किन्तु यह समझने में जीवन बीत जाता है कि कब क्या बोलना चाहिए ।"- एक प्राचीन भारतीय कहावत  दोस्तों चाहे मानो या ना मानो किन्तु हम बहुत अधिक बोलते है । कभी कभी हम अपने मित्रो और परिवार के सदस्यों से यु ही बिना किसी ख़ास बात न होने पर भी घंटो बाते करते रहते है । हमारी यह आदत फ़ोन पर भी है । अक्सर आप ने खुद को या आसपास के लोगो को फ़ोन पर बिना किसी बात के बहुत लम्बी -२ बाते करते देखा होगा । लेकिन ये बाते अपने कुछ जानकारों से ही करते है । यदि आपके पास काफी समय के बाद किसी परिचित का फ़ोन आ जाता है तो आप्प सबसे पहले यही पूछते हो की" क्या हुआ ,फ़ोन कैसे किया ?" यदि आप किसी को काफी समय के बाद फ़ोन करते हो तो उसकी भी यही प्रतिक्रिया होती है " क्या काम है ? फ़ोन कैसे किया ?" इसका अर्थ  यह है कि अक्सर हम उन्ही लोगो को फ़ोन करते है जो  हमारे...

सोचने का नजरिया

एक महान लेखक अपने लेखन कक्ष में बैठा हुआ लिख रहा था। **पिछले साल मेरा आपरेशन हुआ और मेरा गाल ब्लाडर निकाल दिया गया। इस आपरेशन के कारण बहुत लंबे समय तक बिस्तर पर रहना पड़ा। **इसी साल मैं 60 वर्ष का हुआ और मेरी पसंदीदा नौकरी चली गयी। जब मैंने उस प्रकाशन संस्था को छोड़ा तब 30 साल हो गए थे मिझे उस कम्पनी में काम करते हुए। **इसी साल मुझे अपने पिता की मृत्यु का दुःख भी झेलना पड़ा।**और इसी साल मेरा बेटा कार एक्सिडेंट हो जाने के कारण मेडिकल की परिक्षा में फेल हो गया क्योंकि उसे बहुत दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा। कार की टूट फुट का नुकसान अलग हुआ। अंत में लेखक ने लिखा, **वह बहुत ही बुरा साल था। जब लेखक की पत्नी लेखन कक्ष में आई तो उसने देखा कि, उसका पति बहुत दुखी लग रहा है और अपने ही विचारों में खोया हुआ है।अपने पति की कुर्सी के पीछे खड़े होकर उसने देखा और पढ़ा कि वो क्या लिख रहा था। वह चुपचाप...

ग़्लास मत बनिए झील बनिए

एक बार एक नवयुवक किसी साधू  महात्मा  के पास पहुंचा । “महात्मा जी , मैं अपनी ज़िन्दगी से बहुत परेशान हूँ , कृपया इस परेशानी से निकलने का उपाय बताएं !” , युवक बोला | महात्मा जी बोले , “ पानी के ग्लास में एक मुट्ठी नमक डालो और उसे पीयो । ”युवक ने ऐसा ही किया । “ इसका स्वाद कैसा लगा ?”, महात्मा जी ने पुछा। “बहुत ही खराब … एकदम खारा .” – युवक थूकते हुए बोला । महात्मा जी मुस्कुराते हुए बोले,“एक बार फिर अपने हाथ में एक मुट्ठी नमक लेलो और मेरे पीछे -पीछे आओ। दोनों धीरे -धीरे आगे बढ़ने लगे और थोड़ी दूर जाकर स्वच्छ पानी से बनी एक झील के सामने रुक गए । “चलो , अब इस नमक को पानी में दाल दो .” , महात्मा जी ने निर्देश दिया।युवक ने ऐसा ही किया । “ अब इस झील का पानी पियो .” , महात्मा जी बोले । युवक पानी पीने लगा …, एक बार फिर महात्मा जी ने पूछा ,: “ बताओ इसका स्वाद कैसा है , क्या अभी भी...

SWOT ANALYSIS

दोस्तों,  आज मैं आपके साथ एक ऐसी आत्मविश्लेषण करने की तकनीक  swot analysis technique साझा करने जा रहा हुं , जिसके जरिये हम खुद का एक विश्लेषणात्मक मुल्यांकन कर सकते है ।  आइए जानते है क्या है यह तकनीक?   इस तकनीक का नाम है SWOT Analysis. इसकी सहायता से हम अपनी खुबियों,  कमजोरियों,  अवसरों और चुनौतियों के बारे में जान सकते है । इसमें हमें अपने आप से कुछ सवाल पुछकर उनके उत्तर देना है । सामान्य तौर पर यह पाया गया है कि जितनी आसानी से हम दुसरों की कमियों और खुबियों का मुल्यांकन कर सकते उतनी आसानी से स्वयं का मुल्यांकन नहीं कर पाते है । परन्तु ये बात भी सच है कि जितनी सटीकता और वास्तविकता से हम अपना मुल्यांकन...

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है। मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है। आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है, जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है। मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में, बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में। मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो, क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो। जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम, संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम। कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। - हरिवंशराय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan) Source : Inte...

आओ अपनी-अपनी क़िस्मत बदलते हैं...

आओ अपनी-अपनी क़िस्मत बदलते हैं.. अपना गुज़रा हुआ कल अभी ज़्यादा पीछे नहीं गया है फिर उसी सिफ़र से शुरू करते हैं नाम-रंग-जाति-धर्म हर कुछ जिन-जिन का वास्ता है क़िस्मत के साथ उन सबको बदलते हैं आओ अपनी-अपनी क़िस्मत बदलते हैं...  मैं कुछ भी नहीं सोचूंगा... तुम सोचना मैं कुछ भी नहीं बोलूंगा.... तुम बोलना मैं किसी से नहीं लडूंगा... तुम लड़ना मैं कुछ नहीं चाहूंगा... तुम चाहना तुम सपने देखना... तुम ही उन्हें पूरा करना हां तुम्हारी शर्तों पर ही ये खेल खेलते हैं आओ अपनी-अपनी क़िस्मत बदलते हैं...  तुम मेरी ज़िन्दगी बस एक बार जी लो मैं तुम्हारी हर ज़िन्दगी बग़ैर शिक़ायत किए जी लूंगा चलो तुम्हारी मनचाही मुराद पूरी करते हैं आओ अपनी-अपनी क़िस्मत बदलते हैं... चलो एक और वादा करता हूं मैं नहीं चिढ़ाउंगा तुम्हें हर हार पर जैसे तुम और बाक़ी लोग चिढ़ाया...

जो डर गया समझो वो मर गया

Life मे यदि हम किसी चीज या काम को करने मे असफल होते है तो उसकी वजह केवल एक छोटा सा शब्द डर (FEAR) है | यह शब्द डर दिखने मे तो बहुत छोटा है लेकिन जिसके मन मे यह डर बैठ गया समझो वह इंसान मर गया | दोस्तो डर (Fear) एक ऐसी चीज है जो लगभग सभी के मन मे होता है | हर किसी मे अलग अलग प्रकार का डर होता है, जैसे किसी को परिक्षा मे फेल होने का डर, तो किसी को नौकरी चली जाने का डर होता है| यह डर (Fear) आम आदमी को अंदर से हिला कर रख देता है| एक असफलता (Failure) के भय से एक साधारण आदमी हमेशा साधारण ही बना रहता है, क्योंकि वह डरता है कि कही वह असफल (Fail)  ना हो जाये | केवल डर कि वजह से आदमी कुछ नया नही कर पाता और ना ही अपनी क्षमताओ (Capabilities) को पहचान पाता है, लेकिन जो इंसान एक बार इस डर के जंजाल से निकल जाता है, तो फिर पुरी दुनिया उसके कदमो तले होती है | क्या आपने कभी सोचा है इंसान के मन मे...

Work like as Entrepreneur not as Employee

दोस्तों खुद को एक कंपनी मान लीजिये । जैसे आप एक Recruiter हो तो आप की कंपनी का नाम  (your name) Corporation) है जो Main Company (जिसमे अभी आप काम कर रहे हो) को Recruitment services दे रही है ।  आप खुद analyse करो कि Company को आपकी कंपनी कितना कंट्रीब्यूशन कर रही है, आप अपनी Value और कैसे बढ़ा  सकते हो | हम जो काम कर रहे है उससे और कैसे Value add कर सकते है | क्योकि जैसे जैसे आप अपनी सर्विसेज बढ़ाएंगे आपका - Contribution (कंट्रीब्यूशन) बढेगा | Skills improve (स्किल्स इम्प्रूव) होंगे | Knowledge (नॉलेज) बढ़ेगी | Competencies बढ़ेगी | Commitment (कमिटमेंट) add होंगी | Relations strong (रिलेशन स्ट्रांग) होंगे | अपने आसपास...

SEE YOUR PROBLEM AS A SOLUTION

Amazon.in Widgets एक बेरोजगार युवा ने OFFICE-BOY के लिए प्रार्थना पत्र लिखा| एक अधिकारी ने उसका इन्टरव्युं लिया| इन्टरव्युं के बाद उसने युवा लडके से उसकी E-MAIL ID माँगी|उस लडके पास E-MAIL ID नही थी|अधिकारी बोला : ” आज जिसके पास E- MAIL ID नही उसकी कोई पहचान नही|मुझे अफसोस है लेकिन एक पहचानहीन व्यक्ति के लिए हमारी OFFICE मेँ कोईजगह नही|”लडका निराश हुआ, लेकिन हिम्मत नही हारी| थोडा सोचने के बादअपनी 500 रुपये जैसी मामुली रकम की साग-सब्जी खरीदी और घर-घर जाकर  बेचने लगा | यह काम पुरे दिन मेँ तीन बार किया.रात को जब घर जाने लगा तब उसके हाथमेँ 3000 रुपये थे |दुसरे दिन दुगुने उत्साह से काम पर लग गया, थोडे वर्षो मेँ उसके पास एक दर्जन डीलीवरी वाहन थी.पाँच ही साल मेँ अमेरिका के सबसे बडे रीटेलरो मेँ उसकी गिनती होने लगी |परिवार के...

अपने परिवार और दोस्तों के लिए समय निकालो

एक प्रोफ़ेसर कक्षा में आये और उन्होंने छात्रों से कहा कि वे  आज जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ पढाने वाले हैं ... उन्होंने अपने साथ लाई एक काँच की बडी बरनी ( जार ) टेबल पर रखा और उसमें टेबल टेनिस की गेंदें डालने लगे और तब तक डालते रहे जब तक कि उसमें एक भी गेंद समाने की जगह नहीं बची ... उन्होंने छात्रों से पूछा - क्या बरनी पूरी भर गई ? हाँ ...आवाज आई ...  फ़िर प्रोफ़ेसर साहब ने छोटे - छोटे कंकर उसमें भरने शुरु किये धीरे - धीरे बरनी को हिलाया तो काफ़ी सारे कंकर उसमें जहाँ जगह खाली थी , समा गये ,फ़िर से प्रोफ़ेसर साहब ने पूछा , क्या अब बरनी भर गई है , छात्रों ने एक बार फ़िर हाँ ... कहाअब प्रोफ़ेसर साहब ने रेत की थैली से हौले - हौले उस बरनी में रेत डालना शुरु किया , वह रेत भी उस जार में जहाँ संभव था बैठ गई , अब छात्र अपनी नादानी पर हँसे ...फ़िर प्रोफ़ेसर साहब ने पूछा , क्यों अब...

यदि पानी चाहिए तो केवल एक कुआँ खोदो

एक आदमी को किसी ने सुझाव दिया कि दूर से पानी लाते हो, क्यों नहीं अपने घर के पास एक कुआं खोद लेते? हमेशा के लिए पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। सलाह मानकर उस आदमी ने कुआं खोदना शुरू किया। लेकिन सात-आठ फीट खोदने के बाद उसे पानी तो क्या, गीली मिट्टी का भी चिह्न नहीं मिला। उसने वह जगह छोड़कर दूसरी जगह खुदाई शुरू की। लेकिन दस फीट खोदने के बाद भी उसमें पानी नहीं निकला। उसने तीसरी जगह कुआं खोदा, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। इस क्रम में उसने आठ-दस फीट के दस कुएं खोद डाले, पानी नहीं मिला। वह निराश होकर उस आदमी के पास गया, जिसने कुआं खोदने की सलाह दी थी। उसे बताया कि "मैंने दस कुएं खोद डाले, पानी एक में भी नहीं निकला।" उस व्यक्ति को आश्चर्य हुआ।...

मेंढको की टर्र टर्र पर ध्यान न दे

अपने अच्छे व्यवहार के कारण दूर -दूर तक उसे लोग जानते थे और उसकी प्रशंशा करते थे। पर एक दिन जब देर शाम वह खेतों से काम कर लौट रहा था तभी रास्ते में उसने कुछ लोगों को बाते करते सुना, वे उसी के बारे में बात कर रहे थे। मोहन अपनी प्रशंशा सुनने के लिए उन्हें बिना बताये धीरे -धीरे उनके पीछे चलने लगा, पर उसने उनकी बात सुनी तो पाया कि वे उसकी बुराई कर रहे थे | कोई कह रहा था कि, “ मोहन घमण्डी है .” , तो कोई कह रहा था कि ,” सब जानते हैं वो अच्छा होने का दिखावा करता है …” मोहन ने इससे पहले सिर्फ अपनी प्रशंशा सुनी थी पर इस घटना का उसके दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ा और अब वह जब भी कुछ लोगों को बाते करते देखता तो उसे लगता वे उसकी बुराई कर रहे...

Dont Keep Your Problem With Yourself For Long Time

click here अभी पिछले महीने हमारी कंपनी में एक ट्रेनर  हमारे स्टाफ को ट्रेनिंग दे रहे थे | उन्होनें एक ग्लास अपने हाथ में उठाया और कर्मचारियों की  ओर देखते हुए पूछा कि” इस ग्लास का वजन कितना होगा?”  सभी ने विभिन्न उत्तर दिए किसी ने कहा 50 ग्राम, किसी ने 100 ग्राम, किसी ने 150 ग्राम| ट्रेनर ने मुस्करा कर कहा कि इसका सही वजन मुझे भी नहीं पता परंतु अगर में इस ग्लास को 10 मिनिट तक ऐसे ही हाथ में उठाए खड़ा रहूं तो क्या होगा? तभी हम लोगो में से एक कर्मचारी ने हाथ ऊपर किया और बोला - सर कुछ भी नहीं होगा| ठीक है अगर में इस ग्लास को 1 घंटे तक ऐसे ही उठा के रखूं तो क्या होगा? टीचर ने पूछा|  हम लोगो ने कहा कि श्रीमान आपके...

How to Plan for New Year 2015

दोस्तों,  बधाई ,बहुत बधाई  आपको .....  किस बात की ?  अरे, उस परमात्मा,ईश्वर ,खुदा ने आपको हजार-हजार के 365 कड़क नोट दिए हैं ,नए साल में खर्च करने के लिए , पता है ना ,इसीलिए बधाई  लेकिन उसकी एक छोटी सी शर्त है ,कि आप एक दिन में एक नोट ही खर्च करेंगे,काम लेंगे ! और हर दिन के साथ एक नोट आपकी तिजोरी से अपने आप कम होता जाएगा ,काम ले लें तो अच्छा वरना अपने आप lapse हो जाएगा ! अब ये हमारे ऊपर है की हम चाहें तो हजार के इस नोट को invest कर के उसे लाख में बदल लें ,या यूँ ही गायब हो जाने दें ! क्या सोचा है आपने ? काम लेंगे ना ,ज्यादा से ज्यादा नोट काम लेंगे ! अच्छी बात है ,बधाई...   लेकिन दोस्तों ,सिर्फ सोचने...

Pages (19)1234567 Next

 

आभासी दुनिया से बाहर निकलना

ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

बोनस टिप:

हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें:

पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.